उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद (डेस्क) : जनपद गाज़ियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र में झील की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे को रुकवाने की मांग गई थी। मामले की सुनवाई न होने पर 2023 में एनजीटी में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई चल रही है। 27 अगस्त को एनजीटी की सुनवाई में जिलाधिकारी द्वारा स्वयं हाजिर न होने एवं मांगी गई रिपोर्ट न देने पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि डीएम को दो हफ्ते के अंदर के एनजीटी के रजिस्ट्रार को जमा करनी होगी। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होनी है। 5 दिसंबर की सनी से पहले जिस खसरा नंबर को लेकर शिकायत की गई। उसकी पूरी जानकारी एनजीटी द्वारा जमा करनी होगी। आपको बता दें कि सोसायटी फॉर वॉयज ऑफ ह्यूमन राइट्स के अध्यक्ष अधिवक्ता राजकुमार कौशिक की ओर से शालीमार गार्डन पसौंडा में एक झील की जमीन पर आबादी बसाए जाने की शिकायत 2023 में एनजीटी में की गई थी। शिकायत में चिन्हित भू-भाग पर जो लैंड रेवेन्यू में झील के नाम से दर्ज है, वहां पर निर्माण करके आबादी बसाने की बात कही गई जिसके बाद अधिवक्ता व शिकायतकर्ता राजकुमार कौशिक ने बताया कि मामले में कई बार डीएम से खसरा संख्या 2476 और 1564 की रिपोर्ट मांगी गई थी। इसमें यह भी पूछा गया था कि क्या यह झील की जमीन थी। डीएम ने इस मामले में 8 मई 2024 को आख्या जमा की जिसमें खसरा नंबर 1564 झील है या नहीं यह नहीं बताया गया। डीएम ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि जमीन काे लेकर कुछ विवाद है और इसकी सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा होनी है। मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होनी थी इसमें डीएम को स्वयं हाजिर होने को कहा था। अधिवक्ता राजकुमार ने कहा कि जिलाधिकारी के स्वयं हाजिर न होने एवं पूरी रिपोर्ट न देने पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया है।
एनजीटी ने लगाया जिलाधिकारी पर 25 हजार का जुर्माना